पुरस्कृत होते अनुवाद
by Sandhya Tiwari
Translation is not an easy process. Especially when we are talking about translating children’s literature. We at Pratham Books have published some award winning books in translation. How do we ensure quality in translating children’s books?
इस अनुवाद दिवस को खास बना रहे हैं हम अपने छः दिवसीय #Celebrating Translation से! अनुवाद स्वयं में एक पुरस्कार है। लम्बे समय तक अनुवाद एवं अनुवादकों की उपेक्षा होती रही है। पर अब समुचा विश्व अनुवाद की शक्ति से परिचित है। तो चलिए जानते हैं मूल पुस्तक के रूप में पुरस्कृत होते अनुवादों के बारे में!
अनुवाद करना अपने आप में एक चुनौतीपूर्ण और दिलचस्प कार्य है और बच्चों का अनुवाद करते हुए यह चुनौती और दिलचस्पी कई गुना और बढ़ जाती है। अच्छी बात यह है कि बेहतर कहानियों का बेहतर अनुवाद कर हमने इस चुनौती का बखूबी सामना किया है। मूल कहानी चाहे भारतीय भाषा में हो या विदेशी उसे देशी लहज़ा और स्थानीय मिट्टी की खुशबू से जोड़ना हमारे अनुवादक बखूबी जानते हैं। इसीलिए हमारी अनूदित पुस्तकों को The Federation of Indian Publishers’ Award for Excellence in Book Production, FICCI Publishing Award सहित कई अन्य पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।
मूल कहानी From Submarines to Sky Raiders – All about Dragonflies and Damselflies जिसका अनुवाद जल से आकाश तक चिउरे और व्याधपतंगे की कहानी, द फेडरेशन ऑफ इंडियन पब्लीशर्ष अवार्ड से सम्मानित इस कहानी का अनुवाद किया है भावना पंकज ने। कहानी के अनुवाद का एक अंश देखिए-
Try creeping close to a dragonfly on its perch and you will realize how alert it is, as its eyes follow your every movement, and the fine sensitive hairs on the joints of its neck, catch the faintest currents of air as you draw close. It’ll be off in a trice if it gets alarmed, whirring off on its shimmering wings.
किसी स्थान पर बैठे चिउरे की तरफ़ धीरे-धीरे सरकते जाइए और देखिए कैसे ब्रह्मा की आँख की तरह उसकी आँख भी आपकी हर चेष्टा का, गतिविधि का पीछा करती है! उसकी गर्दन के जोड़ों पर उगे बारीक, संवेदनशील रोएँ उसे आपके नज़दीक आने की सूचना देते रहते हैं। और अगर उसे ख़तरे की ज़रा-सी भी भनक लग जाए तो पलक झपकते ही वह अपने चमकीले पंखों पर सवार होकर हवा से बातें करने लगता है।
ब्रम्हा के मिथक का प्रयोग या हवा हो जाने की क्रिया का प्रयोग सिर्फ वही अनुवादक ही कर सकता है जिसकी भाषा और विषय पर पूरी पकड़ हो। भावना पंकज द्वारा अनूदित एक और कहानी जाले की जादूगर मकड़ी जो ठीक एक साल बाद फिर से इस पुरस्कार की विजेता बनती है उनके बेहतरीन अनुवाद क्षमता को प्रमाणित करता है। इस पुस्तक से अनुवाद का एक नमूना देखिए-
Little fella…you may be the date and the dinner…
बच के रहना बरखुरदार-मिलने जा रहे हो, परोसे न जाना!
शहीद अनवर द्वारा मूल उर्दू में लिखित और हिन्दी में अनूदित बादशाही पार्क और रुक्मणी बैनर्जी लिखित और सर्वेन्द्र विक्रम द्वारा अनूदित कहानियों का शहर हिन्दी में अनुवाद हो पुरस्कार विजेता बनते हैं। यही नहीं रुपया-पैसा श्रृंखला की हमारी पुस्तकें पैसे की यात्रा और पैसे के प्रबंधक के हिन्दी संस्करण पुरस्कार से सम्मानित हुए। भारतीय सिनेमा के जनक दादा साहब फाल्के के नाम से हम सभी परिचित हैं। फिर उनके जीवन पर लिखित पुस्तक का हिन्दी अनुवाद लाइट्स… कैमरा… ऐक्शन! दादा साहब फाल्के के जीवनकाल की एक झलक भला सम्मानित कैसे न होता! और हाँ एक किताब पुचकू के लिए जब अनुवाद होती है तो वह उस भाषा के माध्यम से लाखों बच्चों तक पहुँच जाती है। तो पुरस्कृत होना तो बनता ही है, है न! इसी प्रकार विनायक वर्मा की खूबसूरत कहानी The Sunshower Song जिसका धूपैलीबरखा का गीत शीर्षक से बेहतरीन अनुवाद किया है निर्मला शुक्ला ने, हमें सियार मामा की शादी के बारे में बताती है। तो बच्चों को आख़िर पता चल ही गया कि क्यों हम बारिश और धूप साथ में होने पर सियार मामा की शादी होने की बात करते हैं। इस कहानी को द फेडरेशन ऑफ इंडियन पब्लिशर्स की तरफ से प्रथम पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।
बाल साहित्य के अनुवाद में चित्र महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये चित्र अनुवाद को कई प्रकार से प्रभावित करते हैं। चित्र, कथ्य, वातावरण, संस्कृति सभी पक्षों को देखते हुए एक अनुवादक किसी कृति का अनुवाद करता है। कई बार ये सभी या इनमें से कुछ तत्व विरोधाभासी प्रतीत होते हैं। हमारा पहला नाटक The Boy and the Drum जिसका हिन्दी अनुवाद ऋषि माथुर ने लाड़ले का ढोल शीर्षक से किया है इसी तरह के विरोधाभास का एक उदाहरण है। यह पुस्तक एक लोककथा का नाट्य रूपांतरण है। कहानी का अनुवाद करते हुए अनुवादक ने ड्रम को ढोल लिखा है जबकि चित्र में यह ड्रम ही दिख रहा है। तो क्या हम इसे एक ख़राब अनुवाद कहेंगे? बिल्कुल नहीं क्योंकि अनुवादक कथ्य के मूल तत्व के प्रति इमानदार है। लोककथा का अनुवाद भी लोक के लिए ही किया जाता है। जिस भाषा क्षेत्र और जिस संस्कृति का प्रतिनिधित्व यह पुस्तक करती है वहाँ ड्रम से कहीं अधिक ढोल का प्रयोग होता है। इस दृष्टि से लक्ष्य भाषा और संस्कृति की दृष्टि से यह एक उत्तम अनुवाद है।
एक अनुवादक के लिए लक्ष्य पाठ को रोचक और आकर्षक ढंग से प्रस्तुत करना महत्त्वपूर्ण होता है। ऐसे में अनुवादक लक्ष्य पाठ में कुछ चीज़ें जोड़ता एवं छोड़ता भी है। फिक्की (FICCI) पब्लिशिंग अवार्ड की वार्षिक बाल पुस्तक पुरस्कार की विजेता सुश्री छछुंदरिया ने समुद्र तट में सुरंगे बनाईं ऐसी ही अनूदित पुस्तक है। मनोहर नोतानी द्वारा अनूदित इस पुस्तक से एक उदाहरण देखते हैं-
“One night she was out foraging as usual, when suddenly, she heard an angry human voice.”
“एक बार जब अपनी हिरोइन हमेशा की तरह खाने की तलाश में थी तो उसे एक क्रोधित मानवीय आवाज़ सुनाई दी।”
इस उदाहरण में जहाँ एक तरफ अनुवादक ने रात का ज़िक्र करना ज़रूरी न समझ उसे छोड़ वहीं दूसरी तरफ नायिका छछुंदरिया को ‘हिरोइन’ बता इस शब्द को जोड़ दिया जो कहानी में हास्य-विनोद पैदा करता है।